रांची। वे एक ऐसी लड़ाई लड़ रहे हैं जिसके बारे में आमतौर पर ज्यादा बात नहीं की जाती है। वह उनके हक़ की लड़ाई लड़ रहे हैं, वह ऐसे तबके के लिए कार्य कर रहे है जिसे इस सभ्य समाज से हमेशा उपेक्षा ही मिलती है l

पुस्तकः विश्व की प्राचीनतम सभ्यता लेखकः पं. अनूप कुमार वाजपेयी,कई पुरस्कारों से पुरस्कृत समीक्षा प्रकाशन, दिल्ली, मुजफ्फरपुर, मूल्य-2000 रुपये लेखक ने राजमहल पहाड़ियों और चट्टानों पर संसार के प्राचीनतम आदिमानव के पदचिन्ह ढूंढ निकाले। पता-वाजपेयी निलयम, नया पारा, दुमका झारखंड
हम बात कर है रांची के रहने वाले जाने माने एनिमल एक्टिविस्ट अभिजीत भौमिक की जो रांची में बेजुबान जानवरों के अधिकार के लिए संघर्ष कर रहें हैं। वह रोजाना सैकड़ों बेजुबान जानवरो को भोजन देते हैं साथ ही उनके स्वास्थ्य जांच भी करवाते हैं और उचित दवाईयां भी देते है l पूछने पर की इतने जानवरों को खाना खिलाने के लिये पैसे का इंतजाम कहाँ से हो पाता है?अभिजीत भौमिक जी ने कहा कुछ साथी इसमे मदद करते है कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से मदद करते है और जब आप निस्वार्थ भाव से कुछ अच्छा करना चाहते है तो कहीं ना कहीं ईश्वरीय मदद भी मिल जाती है, सरकार द्वारा इस लोकडॉउन मे इन बेजुबानो के भरन पोषण लिए कोई व्यवस्था नही है ये निंदनीय है, कोई सामाजिक संस्था इन बेजुबानो के लिये आगे नही आता है क्योंकि उन्हें इस कार्य मे मीडिया पब्लिसिटी नही मिल पाएगी, जितना इस धरती पर रहने का हक जितना हम इंसानो का है उतना ही अधिकार इन बेजुबानो का है, आगे अभिजीत भौमिक जी ने अपील की – अगर हर घर से दो रोटी इन बेजुबानो के लिये बनाया जाये तो यकीन मानिये कोई बेजुबान भूख से नही मरेगा, आप इन पर रहम करो ऊपर वाला आप पर रहम करेगा l #abhijeet_bhowmick #animalactivist